संदेश

दिसंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संतुष्टि

कभी कभी आप कुछ देखते हो, महसूस करते हो, सोचते हो, मनन करते हो और फिर आप ये समझते हो कि जिंदगी हमेशा आपको कुछ न कुछ सिखाती ही रहती है, बस जरूरत उन सब से सीखने भर की होती है। आज सुबह से ही ठंड ज्यादा थी या शायद मुझे लग रही थी क्योंकि सर्दी जुखाम फिर से हो गया था मुझे। ये कमजोर इम्यून सिस्टम भी ना आये दिन की मुसीबत खड़ी कर देता है। हा तो ठंड ज्यादा थी तो सुबह 11 बजे तक सीधे दाल, चावल, सब्जी बनाकर खाना ही खा लिया था, नाश्ता स्किप कर लिया था कि इतनी बार ठंड में किचन में काम न करना पड़े। खाना खाकर सिंक में बर्तन ठुसाते हुए उनको पानी से भरकर मैं बाहर धूप में बालकनी में  रखी कुर्सी पर बैठ गई। गुनगुनी सी धूप में कुछ देर मोबाइल चलाती रही फिर बोर होने लगी तो मोबाइल साइड में रख दिया और यूँही आस पास देखने लगी। चारो और बिल्डिंग्स, व्यस्त लोग, भागते, दौड़ते लोग, लोगों के घरों की छतें, कही कही छतों पर बनाये गए खूबसूरत से टेरेस गार्डन। दूर दूर तक नजर डालती रही और फिर नजर पड़ी अपनी बिल्डिंग के जस्ट बगल में बन रही एक नई बिल्डिंग पर। आजकल तो दिल्ली में कही जगह ही नही बची, सब जगह 4 या 5 मंजिला बिल्डिंग्स ही बि