मेरे जीवन की पहली गुरु-- मेरी माँ

कोई भी इंसान जैसा वो आज होता हैं उसमे उसका परिवेश, माहौल और उसके आस पास के लोगो का बहुत महत्व होता  हैं ; और  किसी भी चीज़ से ज्यादा महत्व एक इंसान की जिंदगी  में उसकी माँ का होता हैं जिससे उसका सर्वप्रथम परिचय होता हैं जब वो दुनिया में आता हैं, माँ - जो हर कदम पर बिना किसी शर्त  के ; बिना किसी लालच के आपका साथ देती हैं ; आपको सहो और गलत का फर्क बताती हैं; आपकी ख़ुशी में खुश होती हैं ; आपके  दुख में रातो को जगती  हैं; छुप छुपकर रोतीं है; पर आपको कहती हैं की बस रात को नींद नहीं आई ठीक से ! और यही फिकर करने वाली माँ एकदम से कड़क गुरु भी बन जाती हैं जब आप सिखने सिखाने की प्रक्रिया से गुजरने लगते हैं  क्यों सही कहा न मैंने?  हाहा हा बहुत कम बच्चे होते हैं जो माँ की मार नहीं खाते होंगें और मेरे बचपन में तो मेरी कुटाई जरा जम कर ही हुई हैं  और न केवल मेरी बल्कि मेरे भाइयो की भी ! हम तीन भाई बहन हैं एक बहन और दो भाई और सब पर मम्मी की प्रेम वर्षा या कुटान वर्षा समान रूप से हुई हैं बस मेरा छोटा भाई हमेशा अपनी चालाकी से बच जाता था और पीछे से हाथ पड़ती थी मैं या मेरा बड़ा भाई! मम्मी ने हम सभी भाई बहनो को सामान रूप से सभी काम सिखाये ये नहीं की ये लड़की हैं तो यही सीखे बल्कि कल को जरुरत पड़ने पर भाइयो को भी किसी का सहारा न लेना पड़े मैंने रोटी बनानी सीखी तो मेरे भाइयो ने भी सीखी, झाड़ू पौछा, बरतन  चौका ऐसा कोई काम नहीं जो हमको नहीं सिखाया गया!  और हमने सब बड़े ही शोक से सीखा भी न-नुकुर का तो सवाल  तब होता ही  नहीं था. घर पर मेहमान आये हो तो चाय मेरा छोटा भाई बनाता था बहुत स्वादिष्ट और सभी यही कहते की दीदी तुम्हारा छोटा बेटा ही बनाएगा चाय हमें उसके ही हाथ की पसंद हैं. मेरे  बनाये खाने  के भी लोग बड़े शौकीन थे , कितनी ही अम्माओं को मैंने दिन में गरमा गरम रोटियां बना कर खिलाई हैं मम्मी कहती जा बेटा अम्मा को गरम  रोटी बना  कर  दे दो ,जब दिन में ये अम्माएं हमारे घेर बैठने आती ! घर भरा रहता हर वक़्त ! और मजाल हैं जी फिर भी कोई गन्दगी या अस्त ब्यस्त नजर आये घर. मम्मी ने हर काम सिखाया घरदारी से लेकर कड़ाई बुनाई सिलाई  और पढ़ाई पर भी पूरा  फोकस रखना होता था! सच मम्मी तुमने कितना कुछ सिखाया आज हर कदम पर तुम्हारी बताई चीज़े मेरे काम आ रही हैं मैं अपना घर खुद सही तरीके से चला रही हूँ!
  थैंक यू  सो मच मम्मी 

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