मैं समय हूँ............
वक़्त थमता नहीं वक़्त रुकता नहीं जरा सा रूक कर सुस्ताता भी नहीं.
अनवरत, बिना थके आगे ही बढ़ता जाता हैं
घडी भर को ही सही, ये घडी आराम तो कर लें.
दौड़ती धड़कनो की तरह इन सुइयों को जरा विश्राम ही दे दें
पर जो रूक जाये, जो थम जाये वो समय ही कहाँ हैं
मैं समय हूँ ... मैं ही समय हूँ...
रुकता भी नहीं और ठरता भी नहीं और न धीरे से या तेज़ी से चलता हूँ.
मेरी तो बस अपनी ही एक गति हैं यही तो पहचान भी हैं मेरी
तुम भी कदमताल तो मिला लो, मेरी चाल से अपनी चाल तो मिला लो
वादा करता हूँ, फिर कभी साथ न छोडूंगा आगे बढूंगा खुद भी और तुम्हे भी ले बढूंगा
तुम भी नित नए आसमान देखोगे, नयी जमीन नया संसार देखोगे
देखो जो रूक जाये न वो समय हैं और न ही मनुष्य. वो तो एक शरीर हैं निष्प्राण सा
एक लाश ही समझो जिसे बस इंतज़ार हैं जलाने या दफ़नाने का ...
इसलिए रूक मत, चल बस चलता जा
अनवरत बिना थके बिना रुके.... बस चलता जा....
अनवरत, बिना थके आगे ही बढ़ता जाता हैं
घडी भर को ही सही, ये घडी आराम तो कर लें.
दौड़ती धड़कनो की तरह इन सुइयों को जरा विश्राम ही दे दें
पर जो रूक जाये, जो थम जाये वो समय ही कहाँ हैं
मैं समय हूँ ... मैं ही समय हूँ...
रुकता भी नहीं और ठरता भी नहीं और न धीरे से या तेज़ी से चलता हूँ.
मेरी तो बस अपनी ही एक गति हैं यही तो पहचान भी हैं मेरी
तुम भी कदमताल तो मिला लो, मेरी चाल से अपनी चाल तो मिला लो
वादा करता हूँ, फिर कभी साथ न छोडूंगा आगे बढूंगा खुद भी और तुम्हे भी ले बढूंगा
तुम भी नित नए आसमान देखोगे, नयी जमीन नया संसार देखोगे
देखो जो रूक जाये न वो समय हैं और न ही मनुष्य. वो तो एक शरीर हैं निष्प्राण सा
एक लाश ही समझो जिसे बस इंतज़ार हैं जलाने या दफ़नाने का ...
इसलिए रूक मत, चल बस चलता जा
अनवरत बिना थके बिना रुके.... बस चलता जा....
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें