छोटी छोटी खुशियां
छोटी छोटी खुशियां जो मिल जाती हैं यू ही,
इंतजार नही करना पड़ता जिनका, बनाकर कोई टाइम टेबल।
जो मिल जाती है कभी रास्ते पर चलते किसी दोस्त को देखकर,
जो मिल जाती है कभी छोटे बच्चों को खेलते कूदते और नाचते देख कर, उनकी हँसी, ठिठोली और शरारतों में
कभी मिल जाती है यूं भी कि इन्तजार में है कोई तुम्हारे,
और कभी मिल जाती है ये खुशी, थाली में देखकर अपना पंसदीदा भोजन।
ये छोटी खुशियां जो निर्भर नही होती किसी बड़े कारण, खूब प्लानिंग और बहुत समय पर
ये छोटी छोटी खुशियां जैसे चांदी से सीक्के
जो मिल जाते हैं हमें हर रोज कई कई बार
बिना यत्न के, बिना प्रयत्न के, बिना आशा के
जो ले आते हैं चेहरे पर अनायास मुस्कान
इन खुशियों की बदौलत मुस्कराते हैं हम कई कई बार
सोचो तो जरा कितनी अनमोल हैं ये
छोटी छोटीसी खुशियां
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